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पुरुषों के मुकाबले महिलाएं क्यों ज्यादा जीती हैं, वैज्ञानिकों ने दिया जवाब, एस्ट्रोजन को बताया कारण

पुरुषों के मुकाबले महिलाएं क्यों ज्यादा जीती हैं, वैज्ञानिकों ने दिया जवाब, एस्ट्रोजन को बताया कारण

हेल्थ डेस्क. महिलाएं पुरुषों की तुलना में ज्यादा क्यों जीती हैं, इस सवाल का जवाब यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में हुई रिसर्च में दिया गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार महिलाओं में उम्र बढ़ने का प्रभाव धीमी गति से पड़ने का कारण एस्ट्रोजन हार्मोन को बताया गया है। ये क्रोमोसोम और एंजाइम को प्रभावित करता है और उम्र का असर कम होता है।

4 बातें शोध से जुड़ी

शोध के अनुसार वैज्ञानिकों ने उम्र की इस गुत्थी को समझने के लिए क्रोमोसोम का अध्ययन किया। उन्होंने पाया कि क्रोमोसोम के एक छोर पर मौजूद टेलोमियर जिम्मेदार होता है। महिलाओं में टेलोमियर की लम्बाई पुरुषों के मुकाबले ज्यादा होती है। शोध के दौरान पाया गया कि टेलोमियर की लंबाई का सीधा सम्बंध इंसान की उम्र से है।
वैज्ञानिकों के अनुसार महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन शरीर में मौजूद एंजाइम्स की एक्टिविटी को तेज करता है जो टेलोमियर की लंबाई को बढ़ाता है। इस तरह इसकी लंबाई बढ़ने पर उम्र भी बढ़ती है। दुनियाभर में पुरुषों की तुलना में महिलाओं का जीवनकाल 5 फीसदी ज्यादा होता है।
इंसान में 26 जोड़े क्रोमोसोम पाए जाते हैं। इन क्रोमोसाम के अंतिम सिरे पर टेलोमियर्स मौजूद होता है। टेलोमियर्स क्रोमोसोम को डैमेज होने से बचाता है। खास कोशिकाओं के डिवीजन के समय। टेलोमियर्स की अनुपस्थिति में कोशिकाओं पर उम्र का प्रभाव बढ़ने लगता है और खत्म होने लगती हैं। इस प्रकार ये टेलोमियर इंसान को स्वस्थ रखने में भी अहम रोल निभाता है। रिसर्च के मुताबिक एस्ट्रोजन हार्मोन ही इसके डेवलेपमेंट का राज है।
ये रिसर्च नॉर्थ अमेरिकल मेनोपॉज सोसायटी की वार्षिक बैठक में पेश की गई है। शोध से जुड़ी डॉ. एलिसा एपेल कहती हैं कि कई अध्ययनों में साबित हो चुका है एस्ट्रोजन टेलोमियर की लंबाई बढ़ाने में सकारात्मक रोल निभाता है। महिलाओं में इस एस्ट्रोजन हार्मोन को नियंत्रित करने की जरूरत है क्योंकि मेनोपॉज के समय इसका स्तर काफी कम हो जाता है।


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